एक बार एक कलक्टर, थानेदार और एक टीचर बैठे बातें कर रहे थे।
कलक्टर : हम तो इलाके के मालिक होते हैं। जिससे जो मर्ज़ी करवा लें।
थानेदार: हम जिसे चाहे अंदर करके ठोक दें। हमारा भी बड़ा रौब होता है।
Teacher: हमारा तो जी कोई रौब नहीं होता। सारा दिन बच्चों को मुर्गा बना के कूटते हैं। आगे सालों की मर्ज़ी, कलक्टर बने या थानेदार ..
कलक्टर : हम तो इलाके के मालिक होते हैं। जिससे जो मर्ज़ी करवा लें।
थानेदार: हम जिसे चाहे अंदर करके ठोक दें। हमारा भी बड़ा रौब होता है।
Teacher: हमारा तो जी कोई रौब नहीं होता। सारा दिन बच्चों को मुर्गा बना के कूटते हैं। आगे सालों की मर्ज़ी, कलक्टर बने या थानेदार ..